sehat ke liye sahi bartan |
किस धातु के बर्तन में खाना पकाएं ?
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आज के समय में अपनी सेहत का ध्यान रखना बहुत जरूरी हो गया है। और हम में से कई लोग ये पूरा प्रयास भी करते हैं, लेकिन हमारा ध्यान सिर्फ कुछ विशेष चीज़ों या बदलावों की तरफ ही ज्यादा रहता है और ऐसे में हम कुछ छोटी छोटी लेकिन बहुत असरदार चीज़ों को नजरअंदाज करते रहते है, मसलन हम बाजार से सब्जी लाकर उसे अच्छे से धोकर साफ़ तो कर लेते हैं, लेकिन जिस बर्तन में उस सब्जी को पकाना है, क्या हम उसका ध्यान रखते हैं? शायद नहीं !
रसोई की सुंदरता बढ़ाने के लिए आज बाजार में कई तरह के बर्तन जैसे नॉन-स्टिक, प्लास्टिक और एल्यूमीनियम और कई अन्य धातु से बने बर्तनों का इस्तेमाल होता है। ये बर्तन देखने में तो अच्छे लगते हैं, लेकिन क्या इनमें बना खाना हमारी सेहत के लिए सही है?
आइए, आज इसी पर चर्चा करते हुए जानते हैं हर प्रकार की धातु के बर्तन के लाभ, हानि और उनका सेहत पर असर।
एल्यूमीनियम के बर्तन
- एल्यूमीनियम के बर्तन हर घर में उपयोग होते हैं, और इसकी सबसे बड़ी वजह है इनका बाकि धातु के बर्तनों की तुलना में सस्ता होना लेकिन ये हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। एल्यूमीनियम एक न्यूरोटॉक्सिन है जो स्मृति को कमजोर करने के साथ किडनी, लिवर और पेट दर्द जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है।
- एल्यूमीनियम के बर्तन में खाना पकाते समय यह खाने के साथ मिक्स हो जाता है, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इनका उपयोग न करना ही बेहतर है।
नॉन-स्टिक बर्तन
- नॉन-स्टिक बर्तन काफी लोकप्रिय हैं क्योंकि इनमें खाना चिपकता नहीं और कम तेल में पक जाता है, साथ ही दिखने में भी काफी आकर्षक लगते हैं, लेकिन इन बर्तनों में टेफलॉन की कोटिंग होती है जो कैंसर और थायरॉयड जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है।
- ज्यादा गर्मी या खरोंच के कारण यह केमिकल वाली कोटिंग धीरे धीरे रिलीज होकर खाने में मिक्स होने लगत है, जो स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक हो सकती है।
प्लास्टिक के बर्तन
- प्लास्टिक के कंटेनर और बॉटल्स का इस्तेमाल आजकल काफी होता है, लेकिन ये सभी प्लास्टिक प्रोडक्ट्स नुकसानदायक होते हैं।
- गर्म खाने को प्लास्टिक कंटेनर में रखने से हानिकारक केमिकल रिलीज होते हैं जो कैंसर का कारण बन सकते हैं। इसकी तुलना में ग्लास और स्टेनलेस स्टील का उपयोग ज्यादा सुरक्षित है।
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फ़ूड ग्रेड स्टेनलेस स्टील के बर्तन
- स्टेनलेस स्टील के बर्तन आजकल काफी लोकप्रिय हैं, ये एल्युमीनियम के बर्तनों कि तुलना में कुछ महंगे जरूर हो सकते हैं पर इनका उपयोग काफी सुरक्षित माना जाता है। यह मेटल्स का मिश्रण होता है जो गर्म और ठंडे खाने पर प्रतिक्रिया नहीं करता।
- फ़ूड ग्रेड स्टील जैसे 18/8 या 304 के स्टेनलेस स्टील बर्तन अच्छे होते हैं। इनकी सफाई के लिए सॉफ्ट स्पॉन्ज का उपयोग करें।
कांसे के बर्तन
- कांसे के बर्तन पुराने समय में उपयोग होते थे और आज भी इनका महत्व है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं और दिमाग तेज करते हैं।
- लेकिन खट्टी चीजें जैसे इमली या नींबू इन बर्तनों में इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए।
पीतल के बर्तन
- पीतल के बर्तन तांबे और जस्ते का मिश्रण होते हैं। इनमें बना खाना स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है।
- इन बर्तनों में खट्टी चीजें रखने से बचना चाहिए साथ ही इनका उपयोग सिर्फ कली ( कोटिंग ) करवाने के बाद ही करना चाहिए।
लोहे के बर्तन
- लोहे के बर्तन में बना खाना खाने से आयरन की कमी दूर होती है, खासकर कास्ट आयरन से बने बर्तन लेकिन इसमें खाना बनाने के बाद तुरंत निकाल लेना चाहिए।
- लोहे के बर्तन में दूध उबालना अच्छा होता है, लेकिन दूध को तुरंत किसी और बर्तन में ट्रांसफर करना चाहिए।
तांबे के बर्तन
- तांबे के बर्तन में रखा पानी सेहत के लिए फायदेमंद होता है। यह पेट की सफाई और खून को शुद्ध करता है।
- इन बर्तनों की सफाई अच्छी तरह करना जरूरी है, वरना इन पर कॉपर ऑक्साइड जम जाता है जो हानिकारक हो सकता है।
मिट्टी के बर्तन
- मिट्टी के बर्तन पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और इनमें बना खाना स्वादिष्ट और सेहतमंद होता है।
- इनकी सफाई के लिए केमिकल-फ्री तरीकों का उपयोग करें और खाने को हमेशा धीमी आंच पर पकाएं।
निष्कर्ष :
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Disclaimer (अस्वीकरण ): प्रिय पाठक सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है जिसका मकसद केवल आपको जागरूक करना है। मैंने इसे लिखने में मेरे ज्ञान के आधार पर सामान्य जानकारियों की सहायता ली है, तो ऐसे में आप जब भी कहीं, कुछ भी अपनी सेहत से सम्बंधित कुछ पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।
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